Monday 2 February 2015

आदिवासी महापंचायत

                                       आदिवासी महापंचायत
           ( स्थान-राजाराव पठार, तहसील-गुरुर, जिला-बलोद, दिनाॅकः 10.12.2014 )

              शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर दिनाॅक 10.12.2014 को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के आव्ह्ान पर राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला में आदिवासी महापंचायत द्वारा सर्व सम्मति से लिये गये निर्णय निम्नानुसार हैः-

01
छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेष में आरक्षण) अधिनियम 2012 की धारा 3 (क), (ख), (ग)  के परन्तुक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए निर्धारित न्युनतम अंक प्राप्त न होने पर वह सीट अन्य वर्ग से भरे जाने का प्रावधान है जिसके कारण शैक्षणिक सत्र 2014-15 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मेडिकल की 132 सीट अन्य वर्ग से भरे गए जिसके कारण समाज को 132 सीट का नुकसान हुआ।
महापंचायत द्वारा विषय पर गहन विचार विमषर््ा कर निर्णय लिया गया कि शैक्षणिक संस्था (प्रवेष में आरक्षण) अधिनियम 2012 के उक्त परन्तुक को विलोपित करने हेतु सर्व आदिवासी समाज की केन्द्रीय कार्यकारणी अपेक्षित पहल करें एवं माननीय विधायक गणों से भी निवेदन किया जावेे कि उक्त नियम के संषोधन हेतु समाज को मदद करे।

02
पेशा कानून के क्रियान्वयन में प्रषासनिक लापरवाही होने के कारण ग्राम सभा की भूमिका गौण हो गई  है ग्राम सभा के अनुमोदन के बिना भू-अर्जन एवं अन्य अति महत्वपूर्ण विषयों पर एकतरफा प्रषासनिक निर्णय लिये जा रहे है।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि ग्राम स्तर के अधिकारियों को पर्याप्त प्रषिक्षण दिया जावे एवं पूर्व प्रचलित ग्राम सचिवालय व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाये। शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जावे।

03
अधिसूचित क्षेत्र में अन्य अधिनियमों पेसा कानून की तरह आरक्षण नियम नही होने के कारण अनुसूचित जनजाति वर्ग को संस्था के प्रमुख पदों से     जैसे-  मंडी, नगर निगम, नगर पालिका सहकारी समितियों आदि में वंचित होना पड़ता है।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि पेसा कानून की तरह अन्य कानूनों में भी आरक्षण संबंधी नियम में संषोधन कर संस्था प्रमुख के पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जावे।

04
राज्य शासन द्वारा जारी नियम/अनुदेष जिससे आदिवासी वर्ग का व्यापक हित प्रभावित होता है उन विषयों पर जनजाति सलाहकार परिषद में चर्चा बावत्।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि राज्य शासन द्वारा जारी नियम/अनुदेषों की संवीक्षा हेतु केन्द्रीय कार्यकरणी कोर ग्रुप का गठन कर आवष्यक संषोधन हेतु कार्यवाही करें। राज्यपाल महोदय को ज्ञापन प्रेषित कर अनुरोध किया जावे कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यापक हितो  को प्रभावित करने वाले समस्त नियमों/अनुदेषों को जारी करने से पूर्व जनजाति सलाहकार परिषद में चर्चा हेतु प्रस्तुत करवाने हेतु शासन को निदेर्षित करे।    

05
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा या अन्य लाभ लेने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही बावत्।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि राज्य शासन से अनुरोध किया जावे कि फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की जाॅच निर्धारित समय सीमा में हो यदि प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जावे एवं शासकीय सेवा या अन्य पदों पर नियुक्त हो तो बर्खास्तगी की कार्यवाही की जावे। ऐसे प्रकरणों में अक्सर देखा गया है कि दोषी व्यक्ति द्वारा न्यायलयों से स्थगन प्राप्त कर लिया जाता है। अतः शासन द्वारा माननीय  न्यायालयों में यथा समय पूर्व केविएट लगाई जावे तथा न्यायालयों में शासन की ओर से कारगर प्रतिरक्षण की व्यवस्था की जावे।


06
छत्तीसगढ़ के अधिसूचित 12 जनजातियों को राजस्व अभिलेखों में मात्रा/स्वरसंधि संबंधि त्रुटि अंकित हो जाने के कारण अनुसूचित जनजाति को प्राप्त सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि केन्द्रीय कार्यकारिणी आवष्यक पहल करे माननीय सांसदो एवं विधायको से भी निवेदन किया  जावे कि आवष्यक सुधार हेतु प्रस्ताव केन्द्रीय शासन/राज्य शासन को प्रेषित करे।

07
केन्द्रीय शासन एवं राज्य शासन द्वारा बहुत सी योजनों में आय सीमा तय किए जाते है जिससे पूरे जनजाति समाज को उन योजनाओं का लाभ नही मिलता।
महापंचायत की राय है कि आदिवासी समाज को जाति के आधार पर संविधान में संरक्षण प्राप्त है न कि आय के आधार पर अतः केन्द्रीय कार्यकारिणी आदिवासीयों के कल्याण एवं विकास से संबंधित योजनाओं में आय सीमा को हटवाने हेतु आवष्यक कार्यवाही करे। समस्त सांसदो एवं विधायको से भी इस संबंध चर्चा कर शासन के ध्यान में बात लाई जावे।

08
तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को संस्थाओं द्वारा निर्धारित समस्त फीस का भुगतान छात्रवृत्ति के रुप में करने बावत्।
निजि मेडिकल काॅलेज इंजीनियरिंग काॅलेज एवं अन्य तकनीकी तथा व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में निजि संस्थाओं द्वारा षिक्षण एवं अन्य शुल्क लिये जाते है जो  अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को प्राप्त होने वाले छात्रवृत्ति से संभव नही हो पाता जिसके कारण आदिवासी छात्र/छात्राए निजि शैक्षणिक संस्थाओं में  तकनीकी  एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमो में प्रवेष नही ले पाते अतः आदिवासी महापंचायत की शासन से मांग है कि तकनीकी  एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को पूरी फीस की राषि छात्रवृत्ति के रुप में प्रदान की जावे।

09
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) एवं 170 (ख) के अनेक प्रकरण अभी भी राजस्व एवं सिविल न्यायालयों में लंबे समय से लंबित है। आदिवासी पक्षकार कानूनी प्रक्रिया एवं खर्च वहन नही कर पाते जिसके कारण आदिवासी वर्ग को उचित न्याय नही मिल पाता।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि संरक्षित वर्ग को समुचित सुरक्षा देने की संवैधानिक जवाबदारी सरकार की है। अतः कानूनी खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जावे। धारा 165 (6) एवं 170 (ख) के न्यायलयों में लंबित प्रकरणों के कानूनी खर्च हेतु पृथक से बजट प्रावधान किया जावे। जिन प्रकरणों में अंतिम आदेष हो गये हो उनमें आदिवासी पक्षकारों को तत्काल कब्जा दिलाई जावे।

10
अधिसूचित क्षेत्रों में भूमिहीन आदिवासी परिवारो के लिए ट्रायबल लैंड बैंक की स्थापना एवं रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था बावत्।
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासीयों के भूमि का गैर आदिवासीयों में विक्रय प्रतिबंधित है जिसके कारण आवष्यकता पडने पर अपनी जमीन बाजार मूल्य पर विक्रय नही कर पाते। गैर आदिवासी बिचैलियें बेनामी नाम से कम कीमत पर जमीन की रजिस्ट्री करा कर खुद काबिज हो जाते है जबकि बड़ी संख्या में भूमिहीन आदिवासी परिवार निवास करते है जो रियायती मूल्य पर भूमि खरीद कर सकते है। अतः  महापंचायत की शासन से मांग है कि वाजिब कारणो से यदि कोई आदिवासी भू-स्वामी अपनी जमीन बेचना चाहता हो तो शासन वह जमीन प्रचलित मूल्य पर खरीद कर ट्रायबल लैंड बैंक स्थापित करे एवं भूमिहीन आदिवासीयों से आवेदन प्राप्त कर निःषुल्क या रियायती मुूल्य पर भूमि आंबटन की कार्यवाही करे आवष्यक रिवाल्विग फंड की व्यवस्था शासन बजट प्रावधान के माध्यम से करे।

11
नक्सल पीडि़त परिवारों के सुरक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था बावत्।
महापंचायत की मांग है कि नक्सली घटना में मृतक परिवारों को पुलिस की भांति अनुग्रह राषि एवं अन्य सुविधाए दी जावे। नक्सली भय के कारण अपनी जमीन घर एवं मवैषियो से वंचित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर जमीन घर एवं मवैषियों के बदले राषि दी जावे।

12
राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किये जाने के संबंध में।
अभी तक केन्द्र शासन द्वारा राष्ट्रीय जनजाति नीति नही बनाई गई है महापंचायत की मांग है कि तत्काल राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किया जावे। केन्द्रीय कार्यकारिणी सभी सांसदोे से समन्वय स्थापित कर इस विषय पर आवष्यक पहल करे।

13
एल.पी.जी. डीलरषीप हेतु आदिवासी आवेदको से भी भूमि की मालिकाना हक की अनिवार्य शर्त बावत् विचार।  
महापंचायत की राय है कि कंपनियों द्वारा पेट्रोल पंप/रसोई गैस डीलरषीप हेतु विज्ञापित स्थल पर भूमि के स्वामित्व या पक्का सौदा के प्रावधान से गरीब आदिवासी युवक/युवितिया डीलरषीप से वंचित हो रहे है पूर्व में इस प्रकार के बंधन नही थे अतः महापंचायत की मांग है कि आदिवासी वर्ग के लिए इस शर्त को तत्काल विलोपित किया जावे। केन्द्रीय कार्यकारिणी इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करे।

14
आदिवासीयों के जनसंख्या वृद्धि में अनुपातिक रुप से लगातार कमी पर चिंता बावत्।
महापंचायत द्वारा आदिवासीयों के जनसंख्या वृद्धि में अनुपातिक रुप से उत्तरोत्तर गिरावट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्णय लिया गया कि संरक्षित जनजातियों के नसबंदी पर सख्ती से रोक लगाई जाए। प्रलोभन या लक्ष्य पूर्ति के नाम पर जबरन नसबंदी कराने वाले दोषीयों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जावे।

15
राजाराव पठार के वीर मेला स्थल के सुनियोजित विकास हेतु आवष्यक कार्यवाही बावत्।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया है कि शहिद वीर नारायण सिंह के षहादत दिवस पर आने वाले वर्षो में प्रतिवर्ष तीन दिवसीय वीर मेला मड़ई का आयोजन किया जायेगा इस हेतु आवष्यक निर्माण एवं पानी बिजली की व्यवस्था हेतु अपेक्षित कार्यवाही स्थानीय मेला आयोजन समिति एवं शासन स्तर पर केन्द्रीय कार्यकारिणी द्वारा  किया जावे।

महापंचायत द्वारा उपरोक्त लिए गये निर्णयों के पालन हेतु आवष्यक पत्राचार करने हेतु वीर मेला आयोजन समिति को अधिकृत किया गया एवं समय-समय पर बैठक बुलाकर प्रगति से अवगत करवाने हेतु निदेर्षित किया।




                                                                                                  (एस.पी. शोरी)                  
                                                                                                       अध्यक्ष                  
                                                                                 वीर मेला आयोजन समिति राजाराव पठार छ.ग.