वीर मड़ई राजा राव पठार छ.ग.

प्रति,
माननीय डाॅ. रमन सिंह जी,
मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन

आदरणीय महोदय,
सर्व आदिवासी समाज आपका हद्य से अभारी है कि शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर राजाराव पठार जिला-बालोद में आयोजित वीर मेला के लिए आपका विनम्र श्रद्धाजंली एवं आर्थिक अनुदान आपके मंत्रीमण्डल के सहयोगी श्री केदार कष्यप जी, मंत्री, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा षिक्षा के माध्यम से प्राप्त हुआ।
वीर मेला के लिए प्रतिवर्ष आर्थिक अनुदान एवं राजाराव पठार के विकास की घोषणा से सर्व आदिवासी समाज में अन्यंत हर्ष एवं उत्साह है। हमें विष्वास है कि आपके सहयोग एवं आर्षीवाद से जनजाति समाज की आस्था के प्रतीक राजाराव पठार में कालान्तर में विषाल वीर स्मारक का निमार्ण होगा।
राजाराव पठार के विकास के लिए तात्कालिक रुप से निम्नानुसार प्रस्ताव हैः-
(1) शहिद वीर नारायण सिंह स्मारक स्थल एवं वीर मढ़ई स्थल को सर्व आदिवासी समाज के लिए सुरक्षित रखते हुए विकास के सभी आधारभूत कार्य करवाई जावे।
(2) वीर मेला मढ़ई में लाखो की तादात में श्रद्धालु आते है जिनकी रुकने की व्यवस्था नही है अतः 1000 व्यक्तियों के रुकने के लिए सेड, लेटरिंग, बाथरुम एवं सामुहिक किचन सेड का निमार्ण करवाई जावे।
(3) वर्तमान में राजाराव पठार बिजली की व्यवस्था नही है जब तक बिजली की स्थायी व्यवस्था नही हो जाती तब तक क्रेडा के माध्यम से निम्ननुसार कार्य प्रस्तावित हैः-
(अ) स्थल पर एक बोर है जिसमे पर्याप्त पानी है सौर ऊर्जा से चलित मोटर एवं टंकी के निमार्ण से पानी पूर्ति की अस्थायी व्यवस्था की जा सकती है।
(ब) स्थल पर सौर ऊर्जा चलित स्ट्रीट लाईट से प्रकाष की व्यवस्था।
(4) सभा स्थल पर स्थायी मंच एवं प्रवेष द्वार का निमार्ण करवाई जावे।

अतः अनुरोध है कि उक्त कार्यो की स्वीकृती प्रदान करते हुए आगामी वीर नारायण सिंह शहादत दिवस तक कार्य पूर्ण करवाने हेतु आवष्यक व्यवस्था करवाने का कष्ट करेगें।
सादर,
                                                                            भवदीय,


                                                               (षिषुपाल शोरी)
                                                                              अध्यक्ष
                                                            वीर मेला आयोजन समिति
                                                                 राजाराव पठार, जिला-बालोद

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प्रति,
माननीय रमन सिंह जी,
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन,
मुख्यमंत्री निवास रायपुर

विषयः आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित प्रस्तावो पर कार्यवाही बावत्।

महोदय जी,
विनम्र अनुरोध है, कि छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर दिनाॅक 10.12.2014 को राजाराव पठार तहसील-गुरुर, जिला-बालोद में वीर मेला मढ़ई एवं आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें पूरे प्रदेष से सभी आदिवासी समाज के मुखिया एवं पदाधिकारी गण उपस्थित हुए थे। महापंचायत में पूरे प्रदेष के लगभग 2 लाख आदिवासी उपस्थित हुए थे। आदिवासी मुखियाओं एवं प्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी समाज के विकास के लिए प्राप्त प्रस्ताव एवं सुझाव पर महापंचायत द्वारा गहन विचार विमर्ष उपरान्त कुल 15 संकल्प पारित किए गये है। उक्त सभी संकल्पो पर राज्य शासन द्वारा ही विचार कर आवष्यक कार्यवाही किया जाना है।
अतः आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित संकल्पो की एक प्रति एतद् संलग्न है। अनुरोध है कि आदिवासी समाज की आस्था एवं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आवष्यक कार्यवाही करवाने हेतु संबंधित विभागो को निदेर्षित करने का कष्ट करेगे।
धन्यवाद,


विनीत
     षिषुपाल शोरी
 अध्यक्ष
      वीर मढ़ई आयोजन समिति
राजाराव पठार, जिला-बालोद



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प्रति,
माननीय देवलाल दुग्गा जी,
अध्यक्ष,
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग,
जलविहार काॅलोनी रायपुर

विषयः आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित प्रस्तावो पर कार्यवाही बावत्।

महोदय जी,
विनम्र अनुरोध है, कि छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर दिनाॅक 10.12.2014 को राजाराव पठार तहसील-गुरुर, जिला-बालोद में वीर मेला मढ़ई एवं आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें पूरे प्रदेष से सभी आदिवासी समाज के मुखिया एवं पदाधिकारी गण उपस्थित हुए थे। महापंचायत में पूरे प्रदेष के लगभग 2 लाख आदिवासी उपस्थित हुए थे। आदिवासी मुखियाओं एवं प्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी समाज के विकास के लिए प्राप्त प्रस्ताव एवं सुझाव पर महापंचायत द्वारा गहन विचार विमर्ष उपरान्त कुल 15 संकल्प पारित किए गये है। उक्त सभी संकल्पो पर राज्य शासन द्वारा ही विचार कर आवष्यक कार्यवाही किया जाना है।
अतः आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित संकल्पो की एक प्रति एतद् संलग्न है। अनुरोध है कि आदिवासी समाज की आस्था एवं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आवष्यक कार्यवाही करवाने हेतु संबंधित विभागो को निदेर्षित करने का कष्ट करेगे।
धन्यवाद,


विनीत
    षिषुपाल शोरी
 अध्यक्ष
     वीर मढ़ई आयोजन समिति
  राजाराव पठार, जिला-बालोद
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प्रति,
महामहीम राज्यपाल महोदय,
छत्तीसगढ़ शासन,
राज्यपाल भवन, रायपुर

विषयः आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित प्रस्तावो पर कार्यवाही बावत्।

महोदय जी,
विनम्र अनुरोध है, कि छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर दिनाॅक 10.12.2014 को राजाराव पठार तहसील-गुरुर, जिला-बालोद में वीर मेला मढ़ई एवं आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें पूरे प्रदेष से सभी आदिवासी समाज के मुखिया एवं पदाधिकारी गण उपस्थित हुए थे। महापंचायत में पूरे प्रदेष के लगभग 2 लाख आदिवासी उपस्थित हुए थे। आदिवासी मुखियाओं एवं प्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी समाज के विकास के लिए प्राप्त प्रस्ताव एवं सुझाव पर महापंचायत द्वारा गहन विचार विमर्ष उपरान्त कुल 15 संकल्प पारित किए गये है। उक्त सभी संकल्पो पर राज्य शासन द्वारा ही विचार कर आवष्यक कार्यवाही किया जाना है।
आदिवासी समाज के संवैधानिक आर्थिक समाजिक एवं सांस्कृतिक हितो के आप सरक्षक है। अतः आदिवासी समाज के व्यापक हितो को एवं पूरे प्रदेष के आदिवासी समाज के आस्था एवं विष्वास को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन को आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित संकल्पो पर आवष्यक कार्यवाही करने हेतु निदेर्षित करने का कष्ट करेगे।
धन्यवाद,

विनीत
                                                                   षिषुपाल शोरी
                                                                        अध्यक्ष
                                                          वीर मढ़ई आयोजन समिति
                                                        राजाराव पठार, जिला-बालोद
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प्रति,
माननीय श्री जुएल ओराम
केन्द्रीय मंत्री,
जनजातीय मामले
भारत शासन नई-दिल्ली

विषयः राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किये जाने बावत्।

आदरणीय महोदय,
सादर अनुरोध है कि केन्द्रीय शासन द्वारा राष्ट्रीय जनजाति नीति अभी तक नही बनाई गयी है जिसके कारण जनजाति समाज के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, एवं सांस्कृतिक  विकास की दिषा में अलग-अलग राज्य सरकारो द्वारा अलग-अलग नीतियां बनाई जा रही है। पूरे देष में एकरुपता की दृष्टि से केन्द्रीय स्तर पर जनजाति समाज के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित होना नितांत आवष्यक है।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित आदिवासी महापंचायत की बैठक दिनाॅक 10.12.2014 को संकल्प पारित कर राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किये जाने हेतु भारत शासन से  अनुरोध करने का निर्णय लिया गया था जिसके परिपेक्ष्य में अनुरोध पत्र सादर सप्रेषित है।
सादर,
             भवदीय,


     (षिषुपाल शोरी)                                                                        
   अध्यक्ष
 वीर मेला आयोजन समिति
राजाराव पठार, जिला-बालोद

 

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प्रति,
माननीय श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति,
भारत शासन
राष्ट्रपति भवन, नई-दिल्ली

विषयः राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किये जाने बावत्।

आदरणीय महोदय,
सादर अनुरोध है कि केन्द्रीय शासन द्वारा राष्ट्रीय जनजाति नीति अभी तक नही बनाई गयी है जिसके कारण जनजाति समाज के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, एवं सांस्कृतिक  विकास की दिषा में अलग-अलग राज्य सरकारो द्वारा अलग-अलग नीतियां बनाई जा रही है। पूरे देष में एकरुपता की दृष्टि से केन्द्रीय स्तर पर जनजाति समाज के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित होना नितांत आवष्यक है।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित आदिवासी महापंचायत की बैठक दिनाॅक 10.12.2014 को संकल्प पारित कर राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किये जाने हेतु भारत शासन से  अनुरोध करने का निर्णय लिया गया था जिसके परिपेक्ष्य में अनुरोध पत्र सादर सप्रेषित है।
सादर,
             भवदीय,


     (षिषुपाल शोरी)                                                                        
   अध्यक्ष
 वीर मेला आयोजन समिति
राजाराव पठार, जिला-बालोद
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प्रति,
माननीय श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति,
भारत शासन
राष्ट्रपति भवन, नई-दिल्ली

विषयः गोड़ जनजाति को भारत के सभी राज्यों में अनुसूचित जनजाति घोषित किये जाने बावत्।

आदरणीय महोदय,
सादर अनुरोध है कि भारतवर्ष में ढ़ाई करोड़ से अधिक गोड़ जनजाति अलग-अलग प्रदेषों में निवासरत् है। केन्द्रीय सूची में गोड़ जनजाति को अनुसूचित जनजाति में नोटिफाई किया गया है किंतु अलग-अलग राज्यों की सूची में गोड़ जनजाति को कही अनुसूचित जनजाति कही अनुसूचित जाति एवं कही सामान्य वर्ग में रखा गया है।
अखिल भारतीय गोंड़वाना गोड़ सभा के 10वे राष्ट्रीय अधिवेषन दिनाॅक 25-27 दिसम्बर 2014 को बल्लारषाह, जिला-चंद्रपुर, महाराष्ट्र में भारत में निवासरत् गोड़ जनजाति को पूरे प्रदेषो में अनुसूचित जनजाति नोटिफाई किये जाने हेतु भारत शासन को निवेदन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
अतः अनुरोध है कि सभी राज्य सरकारो को आवष्यक कार्यवाही करने हेतु निदेर्षित करने का कष्ट करेगें।    
सादर,
                                                                                      भवदीय,

                                                                              (षिषुपाल शोरी)                                                                        
                                                                                  अध्यक्ष
                                                             अखिल भारतीय गोंड़वाना गोड़ महासभा
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प्रति,
श्री भोजराज नागजीे
विधायक,
विधान सभा-अंतागढ़
विधायक निवास- अंतागढ़
जिला-उत्तर बस्तर, कांकेर।


विषयः आदिवासी महापंचायत द्वारा पारित संकल्प एवं समीक्षा बैठक की सूचना बावत्।

आदरणीय महोदय,
शहीद वीर नारायण सिंह शहादत दिवस के अवसर पर दिनाॅक 10.12.2014 को नेषनल हाईवे ;छभ् 30द्ध स्थित राजाराव पठार तहसील-गुरुर, जिला-बालोद में श्रद्धंाजंली सभा  के साथ ही आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें आदिवासी समाज के सवैधानिक, संास्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक विषयों पर गहन चर्चा उपरान्त सकारात्मक पहल के संकल्प पारित किये गये थे जिसकी एक प्रति एतद् संलग्न है।
आप निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के साथ ही समाज के चिन्तक एवं बुद्धिजीवी व्यक्ति है। आपकी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भागीदारी से महापंचायत द्वारा पारित संकल्प के क्रियान्वयन में गति आयेगी एवं आपके सवैधानिक एवं राजनैतिक हैसियत का लाभ समाज को प्राप्त होगा।
सामाजिक गतिविधियों की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक नीचे लिखे स्थान एवं दिनाॅक पर आयोजित है। बैठक में आपका अमूल्य सुझाव एवं मार्गदर्षन हेतु आपकी गरिमामय उपस्थित प्राथर््ानीय है।

बैठक स्थान - कंकालिन मंदिर,
राजाराव पठार, गुरुर, जिला-बालोद
दिनाॅक - 15.02.2015 पूर्वान्त 11ः00 बजे से

   भवदीय
  षिषुपाल शोरी
                                                                     अध्यक्ष
                                                      वीर मढ़ई आयोजन समिति
                                                     राजाराव पठार, जिला-बालोद
                                                 मो. 94255-15822, 88899-07266

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                                                           आदिवासी महापंचायत
                    ( स्थान-राजाराव पठार, तहसील-गुरुर, जिला-बलोद, दिनाॅकः 10.12.2014 )

               शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर दिनाॅक 10.12.2014 को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के आव्हान पर राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला में आदिवासी महापंचायत द्वारा सर्व सम्मति से लिये गये निर्णय निम्नानुसार हैः

01
छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेष में आरक्षण) अधिनियम 2012 की धारा 3 (क), (ख), (ग)  के परन्तुक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए निर्धारित न्युनतम अंक प्राप्त न होने पर वह सीट अन्य वर्ग से भरे जाने का प्रावधान है जिसके कारण शैक्षणिक सत्र 2014-15 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मेडिकल की 132 सीट अन्य वर्ग से भरे गए जिसके कारण समाज को 132 सीट का नुकसान हुआ।
महापंचायत द्वारा विषय पर गहन विचार विमषर््ा कर निर्णय लिया गया कि शैक्षणिक संस्था (प्रवेष में आरक्षण) अधिनियम 2012 के उक्त परन्तुक को विलोपित करने हेतु सर्व आदिवासी समाज की केन्द्रीय कार्यकारणी अपेक्षित पहल करें एवं माननीय विधायक गणों से भी निवेदन किया जावेे कि उक्त नियम के संषोधन हेतु समाज को मदद करे।

02
पेशा कानून के क्रियान्वयन में प्रषासनिक लापरवाही होने के कारण ग्राम सभा की भूमिका गौण हो गई  है ग्राम सभा के अनुमोदन के बिना भूअर्जन एवं अन्य अति महत्वपूर्ण विषयों पर एकतरफा प्रषासनिक निर्णय लिये जा रहे है।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि ग्राम स्तर के अधिकारियों को प्रर्याप्त प्रषिक्षण दिया जावे एवं पूर्व प्रचलित ग्राम सचिवालय व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाये। शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जावे।

03
अधिसूचित क्षेत्र में अन्य अधिनियमों पेषा कानून की तरह आरक्षण नियम नही होने के कारण अनुसूचित जनजाति वर्ग को संस्था के प्रमुख पदों से               जैसे-  मंडी, नगर निगम, नगर पालिका सहाकारी समितियों आदि में वंचित होना पडता है।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि पेषा कानून की तरह अन्य कानूनों में भी आरक्षण संबंधी नियम में संषोधन कर संस्था प्रमुख के पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जावे।

04
राज्य शासन द्वारा जारी नियम/अनुदेष जिससे आदिवासी वर्ग का व्यापक हित प्रभावित होता है उन विषयों पर जनजाति सलाहकार परिषद में चर्चा बावत्।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि राज्य शासन द्वारा जारी नियम/अनुदेषों की संवीक्षा हेतु केन्द्रीय कार्यकरणी कोर ग्रुप का गठन कर आवष्यक संषोधन हेतु कार्यवाही करें। राज्यपाल महोदय को ज्ञापन प्रेषित कर अनुरोध किया जावे कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यापक हितो  को प्रभावित करने वाले समस्त नियमों/अनुदेषों को जारी करने से पूर्व जनजाति सलाहकार परिषद में चर्चा हेतु प्रस्तुत करवाने हेतु शासन को निदेर्षित करे।    

05
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा या अन्य लाभ लेने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही बावत्।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि राज्य शासन से अनुरोध किया जावे कि फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की जाॅच निर्धारित समय सीमा में हो यदि प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जावे एवं शासकीय सेवा या अन्य पदों पर नियुक्त हो तो बर्खास्तगी की कार्यवाही की जावे। ऐसे प्रकरणों में अक्सर देखा गया है कि दोषी व्यक्ति द्वारा न्यायलयों से स्थगत प्राप्त कर लिया जाता है। अतः शासन द्वारा माननीय  न्यायालयों में यथा समय पूर्व केविएट लगाई जावे तथा न्यायलयों में शासन की ओर से कारगर प्रतिरक्षण की व्यवस्था की जावे।


06
छत्तीसगढ़ के अधिसूचित 12 जनजातियों को राजस्व अभिलेखों में मात्रा/स्वरसंधि संबंधि त्रुटि अंकित हो जाने के कारण अनुसूचित जनजाति को प्राप्त सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि केन्द्रीय कार्यकारिणी आवष्यक पहल करे माननीय सांसदो एवं विधायको से भी निवेदन किया  जावे कि आवष्यक सुधार हेतु प्रस्ताव केन्द्रीय शासन/राज्य शासन को प्रेषित करे।

07
केन्द्रीय शासन एवं राज्य शासन द्वारा बहुत सी योजनों में आय सीमा तय किए जाते है जिससे पूरे जनजाति समाज को उन योजनाओं का लाभ नही मिलता।
महापंचायत की राय है कि आदिवासी समाज को जाति के आधार पर संविधान में संरक्षण प्राप्त है न कि आय के आधार पर अतः केन्द्रीय कार्यकारिणी आदिवासीयों के कल्याण एवं विकास से संबंधित योजनाओं में आय सीमा को हटवाने हेतु आवष्यक कार्यवाही करे। समस्त सांसदो एवं विधायको से भी इस संबंध चर्चा कर शासन के ध्यान में बात लाई जावे।

08
तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को संस्थाओं द्वारा निर्धारित समस्त फीस का भुगतान छात्रवृत्ति के रुप में करने बावत्।
निजि मेडिकल काॅलेज इंजीनियरिंग काॅलेज एवं अन्य तकनीकी तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में निजि संस्थाओं द्वारा षिक्षण एवं अन्य शुल्क लिये जाते है जो  अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को प्राप्त होने वाले छात्रवृत्ति से संभव नही हो पाता जिसके कारण आदिवासी छात्र/छात्राए निजि शैक्षणिक संस्थाओं में  तकनीकी  एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमो में प्रवेष नही ले पाते अतः आदिवासी महापंचायत की शासन से मांग है कि तकनीकी  एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को पूरी फीस की राषि छात्रवृत्ति के रुप में प्रदान की जावे।

09
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) एवं 170 (ख) के अनेक प्रकरण अभी भी राजस्व एवं सिविल न्यायालयों में लंबे समय से लंबित है। आदिवासी पक्षकार कानूनी प्रक्रिया एवं खर्च वहन नही कर पाते जिसके कारण आदिवासी वर्ग को उचित न्याय नही मिल पाता।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया कि संरक्षित वर्ग को समुचित सुरक्षा देने की संवैधानिक जवाबदारी सरकार की है। अतः कानूनी खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जावे। धारा 165 (6) एवं 170 (ख) के न्यायलयों में लंबित प्रकरणों के कानूनी खर्च हेतु पृथक से बजट प्रावधान किया जावे। जिन प्रकरणों में अंतिम आदेष हो गये हो उनमें आदिवासी पक्षकारों को तत्काल कब्जा दिलाई जावे।

10
अधिसूचित क्षेत्रों में भूमिहीन आदिवासी परिवारो के लिए ट्रायबल लैंड बैंक की स्थापना एवं रिवाल्विग फंड की व्यवस्था बावत्।
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासीयों के भूमि का गैर आदिवासीयों में विक्रय प्रतिबंधित है जिसके कारण आवष्यकता पडने पर अपनी जमीन बाजार मूल्य पर विक्रय नही कर पाते। गैर आदिवासी बिचैलियें बेनामी नाम से कम कीमत पर जमीन की रजिस्ट्री करा कर खुद काबिज हो जाते है जबकि बड़ी संख्या में भूमिहीन आदिवासी परिवार निवास करते है जो रियायती मूल्य पर भूमि खरीद कर सकते है। अतः  महापंचायत की शासन से मांग है कि वाजिब कारणो से यदि कोई आदिवासी भू-स्वामी अपनी जमीन बेचना चाहता हो तो शासन वह जमीन प्रचलित मूल्य पर खरीद कर ट्रायबल लैंड बैंक स्थापित करे एवं भूमिहीन आदिवासीयों से आवेदन प्राप्त कर निःषुल्क या रियायती मुूल्य पर भूमि आंबटन की कार्यवाही करे आवष्यक रिवाल्विग फंड की व्यवस्था शासन बजट प्रावधान के माध्यम से करे।

11
नक्सल पीडि़त परिवारों के सुरक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था बावत्।
महापंचायत की मांग है कि नक्सली घटना में मृतक परिवारों को पुलिस की भाति अनुग्रह राषि एवं अन्य सुविधाए दी जावे। नक्सली भय के कारण अपनी जमीन घर एवं मवैषियो से वंचित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर जमीन घर एवं मवैषियों के बदले राषि दी जावे।

12
राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किये जाने के संबंध में।
अभी तक केन्द्र शासन द्वारा राष्ट्रीय जनजाति नीति नही बनाई गई है महापंचायत की मांग है कि तत्काल राष्ट्रीय जनजाति नीति घोषित किया जावे। केन्द्रीय कार्यकारिणी सभी सांसदोे से समन्वय स्थापित कर इस विषय पर आवष्यक पहल करे।

13
एल.पी.जी. डीलरषीप हेतु आदिवासी आवेदको से भी भूमि की मालिकाना हक की अनिवार्य शर्त बावत् विचार।  
महापंचायत की राय है कि कंपनियों द्वारा पेट्रोल पंप/रसोई गैस डीलरषीप हेतु विज्ञापित स्थल पर भूमि के स्वामित्व या पक्का सौदा के प्रावधान से गरीब आदिवासी युवक/युवितिया डीलरषीप से वंचित हो रहे है पूर्व में इस प्रकार के बंधन नही थे अतः महापंचायत की मांग है कि आदिवासी वर्ग के लिए इस शर्त को तत्काल विलोपित किया जावे। केन्दीय कार्यकारिणी इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करे।

14
आदिवासीयों के जनसंख्या वृद्धि में अनुपातिक रुप से लगातार कमी पर चिंता बावत्।
महापंचायत द्वारा आदिवासीयों के जनसंख्या वृद्धि में अनुपातिक रुप से उत्तरोत्तर गिरावट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्णय लिया गया कि संरक्षित जनजातियों के नसबंदी पर सक्ती से रोक लगाई जाए। प्रलोभन या लक्ष्य पूर्ति के नाम पर जबरन नसबंदी कराने वाले दोषीयों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जावे।

15
राजाराव पठार के वीर मेला स्थल के सुनियोजित विकास हेतु आवष्यक कार्यवाही बावत्।
महापंचायत द्वारा निर्णय लिया गया है कि शहिद वाीर नारायण सिंह के सहादत दिवस पर आने वाले वर्षो में प्रतिवर्ष तीन दिवसीय वीर मेला मढ़ई का आयोजन किया जायेगा इस हेतु आवष्यक निमार्ण एवं पानी बिजली की व्यवस्था हेतु अपेक्षित कार्यवाही स्थानीय मेला आयोजन समिति एवं शासन स्तर पर केन्द्रीय कार्यकारिणी द्वारा  किया जावे।

महापंचायत द्वारा उपरोक्त लिए गये निर्णयों के पालन हेतु आवष्यक पत्राचार करने हेतु वीर मेला आयोजन समिति को अधिकृत किया गया एवं समय-समय पर बैठक बुलाकर प्रगति से अवगत करवाने हेतु निदेर्षित किया।

          (एस.पी. शोरी)                  
            अध्यक्ष                  
                                                                                  वीर मेला आयोजन समिति      

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आदिवासी भाईयो एवं बहनो,
                      जय जोहार
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के आव्हान पर प्रतिवर्ष 10 दिस्मबर को शहीद वीर नारायण जयंती प्रदेष के चूनिंदा स्थानो के साथ ही राजाराव पठार राष्ट्रीय मार्ग क्रमांक 30 जिला बालोद में मनाया जाता है। इस वर्ष शहीद वीर नारायण जयंती को गरिमा पूर्ण मनाने के लिए सर्व आदिवासी समाज द्वारा निम्नानुसार निर्णय लिया गया हैः-

(1) श्रद्धाजंली कार्यक्रम - शहीद वीर नारायण सिंह जी को सच्ची श्रद्धाजंली देने के लिए निर्णय हुआ है कि दिनाॅक 08 दिसम्बर को वीर भूमि सोनाखान से वीर माटी लाया जावेगा जिसे सहआयोजक जिला बालोद, कांकेर, धमतरी में सर्व आदिवासी समाज के प्रमुखो को सौपा जायेगा। सर्व आदिवासी समाज द्वारा उक्त मिट्टी सम्मान पूर्वक कलष में संग्रहित कर दिनाॅक 10 दिसम्बर को सुसज्जित वाहन में वीर जत्था के साथ राजाराव पठार के लिए सुबह 10ः00 बजे तक रवाना किया जावेगा। मार्ग के प्रमुख स्थानो पर वीर माटी के स्वागत के पश््चात दोपहर 12ः00 बजे तक वीर जत्था राजाराव पठार (कार्यक्रम स्थल) पर पहुचेगा जहॅा समाज के प्रमुखो द्वारा तीनो जिलो से आए हुए वीर माटी कलष का स्वागत किया जावेगा एवं निर्धारित स्थान पर आम जनता के दर्षनार्थ स्थापित किया जावेगा। तीनो जिलो का वीर माटी कलष यात्रा इस प्रकार निर्धारित किया जावेगा कि लगभग सभी कलष एक साथ निर्धारित समय तक कार्यक्रम स्थल पर पहुॅच जाए।

(2) देवमड़़ई का आयोजन - 10 दिसम्बर को कार्यक्रम स्थल पर देवमढ़ई का आयोजन किया जावेगा। मुख्य पुजारी कंकालिन द्वारा यथासमय पूर्व आसपास के देवी-देवाताओं को ससम्मान आमंत्रित किया जावेगा। आराध्य देव राजाराव से प्राप्त अनुमति के अनुसार पूरे विधिविधान से देवमढ़ई का आयोजन किया जावेगा।

(3) आदिवासी हाट का आयोजन -  आदिवासी उद्यमियो एवं व्यावसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए आदिवासी हाट का आयोजन किया जायेगा जिसमे आदिवासी उद्यमियो द्वारा उत्पादित समाग्रीयों का प्रदर्षन एवं विक्रय के लिए स्टॅाल लगाए जायेगे।

(4) आदिवासी महापंचायत का आयोजन - आदिवासीयों के संवैद्यानिक अधिकारो की रक्षा के लिए रणनीति बनाने के लिए आदिवासी महापंचायत का आयोजन दोपहर 2ः00 बजे से किया जावेगा। महापंचायत में देष एवं प्रदेष से आने वाले समाजिक कार्यकर्ताओं एवं विचारको तथा समाजिक मुख्याओं के सुझावो पर गहन विचार विमषर््ा कर संकल्प के रुप में निर्णय पारित किए जायेगे।

यह आयोजन तभी सफल होगा जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने हैसियत के अनुसार तन मन धन से सहयोग प्रदान करेगा। आयोजन को भव्य एवं गरिमा पूर्ण ढ़ग से मनाने के लिए एक केन्द्रीय आयोजन समिति गठित किया गया है। प्रत्येक जिले में आयोजन की सफलता के लिए जिला स्तरीय उपसमितिया बनाया जाना है जो केन्द्रीय समिति से समन्वय स्थापित कर आवष्यक कार्य करेगे। उपसमितियों में मुख्य रुप से जिला स्तरीय आयोजन समिति, वित्त समिति, प्रचार-प्रसार समिति, यातायात समिति, शांति एवं सुरक्षा समिति एवं जिला समिति द्वारा आवष्यकतानुसार गठित अन्य समिति शामिल होंगे।

दिनाॅक 12.10.2014 एवं 18.10.2014 को कंकालिन मंदिर में आयोजित बैंठक में निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक आदिवासी परिवार से रु. 10/- (दस रुपये मात्र) का आर्थिक सहयोग लिया जावेगा सहयोग राषि का संग्रहण समाज के मूडादार/मुख्याओं द्वारा समाज में प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार किया जावेगा एवं जिले की एक मुस्त राषि आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष के पास जमा किया जावेगा जिसकी पक्की रसीद कोषाध्यक्ष द्वारा जारी किया जावेगा। अन्य दानदाताओ से रसीद बुक के माध्यम से राषि सग्रहित की जावेगी।

आयोजन समिति में जिले में निवासरत् सभी आदिवासी समाज के मुख्याओं को अनिवार्य रुप से शामिल किया जाना है। अतः जिला समिति से अनुरोध है कि सभी आदिवासी समाज के जिला प्रमुखो के नाम दिनाॅक 30.10.2014 तक केन्द्रीय आयोजन समिति को अनिवार्य रुप से उपलब्ध करवायें ।
आपके सक्रिय सहयोग की अपेक्षा के साथ,

                                                                                                          विनीत
                                                                                                      (षिषुपाल शोरी)
                                                                                                            अध्यक्ष
                                                                                             वीरमढ़ई आयोजन समिति    
                                                                                             राजाराव पठार, छत्तीसगढ़
                                                                                      मो. न. 9425515822, 8889907266