Saturday 11 May 2013

गोंड़वाना के राजकीय अधिसत्ता का प्राचीन केन्द्र लांजीगढ़ दर्षन
धमतरीः- अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा द्वारा लांजीगढ़ दर्शन के अन्र्तगत गढ़ जगार का कार्यक्रम दिनांक 13 ,14, 15 मई 2013 को आयांेजित किया गया है। इस अवसर पर पुरे देशभर से समाज के लोग उपस्थित रहेंगे। ज्ञात हो लांजीगढ़ कोया वंशीय गोंड़ समुदाय के गण्डजीवों की संास्कृतिक एवं धार्मिक स्थली है। यह गोंडी संस्कृति की नाभि है। यहां पर ही सर्वप्रथम गोंडीपुनेम मुठवा पहांदीपारी कुपारलिंगो ने अपने शिष्यों को सगावेन व्यवस्था में सेमर पेड़ के नीचे विभाजित किया और उनके माध्यम से सम्पूर्ण कोया वंशीय गण्डजीवों को एक गोंडोला में सगावेन व्यवस्था के अन्र्तगत संरचित किया। लांजीगढ़ गोंड़वाना के राजकीय अधिसत्ता का प्राचीन केन्द्र है। यहां एक प्राचीन किला के भग्न अवशेष और अनेक तालाब हैं।लांजी के पूर्व दिशा में एक कि.मी.की दुरी पर संभू महादेव का कोईटेश्वर देवालय है।प्राचीनकाल में सम्राट अशोक की राज्यसत्ता के अधीन मध्य भारत के जो अठारह गणाज्य थे उनमें लांजीगढ़ भी नेताम वंश का एक समृध्द एवं वैभवशाली राज्य था। गढ़ मंडला के नीलकण्ठ गण्डचिन्ह धारक मण्डावी गोत्रीय राजाओं का मूल पुरूष यदुराय मण्डलागढ़ के राजा बनने के पूर्व लांजीगढ़ के टेकाम गोत्रीय राजाओं के राजदरबार में एक प्रतिनिधि था। लांजीगढ़ के किले के अन्दर लंजकाई दाई का देवालय है। वहां के सती स्तम्भ में गोंडी पुनेम मुठवा पहांदीपारी कुपार लिंगो और गोंडी पुनेम दाई रायतार जंगो को गोंडी पुनेम के सूर्य चन्द्र के प्रतीको के रूप में उकेरा गया है।
अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा एंव शभू गवरा महाशक्ति संघ छ.ग. द्वारा लांजीगढ़ दर्शन हेतु जिले के समाजिकजनों कोे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील किये हैं। अपील करने वालों में आर.एन.ध्रुव,विष्णु नेताम ,शिवचरन नेताम तहसील अध्यक्ष धमतरी , श्यामसुन्दर कुंजाम तहसील अध्यक्ष मगरलोड,भैयालाल ध्रुव तहसील अध्यक्ष नगरी , कामता प्रसाद कुंजाम तहसील अध्यक्ष कुरूद ,कुन्दन साक्षी तहसील अध्यक्ष नगरी,तेनसिंह ध्रुव, गीता नेताम , सुजाता ध्रुव,शिवकुमार मण्डावी अध्यक्ष शभू गवरा महाशक्ति संघ, जीवराखन लाल मरई, जे.पी.एस.ठाकुर,धरम सिंह ठाकुर,बुधराम सुर्यवंशी,गोर्वधन मंडावी,सुरेश नेताम ,भावसिंह मरकाम,ईश्वर मंडावी,भुखउ कुंजाम,नरेश नेताम आदि प्रमुख हैं।